Shodashi Secrets

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श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१॥

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हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता

प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?

॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥

An early early morning bathtub is considered critical, accompanied by adorning clean apparel. The puja place is sanctified click here and decorated with bouquets and rangoli, making a sacred Place for worship.

षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।

संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।

हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥

देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

The noose represents attachment, the goad represents repulsion, the sugarcane bow signifies the head as well as the arrows would be the five sense objects.

सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्

ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।

प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

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